हेलो बच्चों क्या आप Panchatantra Ki Kahaaniyan सर्च हर रहे हो तो कोई नहीं, आप सही जगह पर आये है | आज मे एक Panchtantra Ki Nayi Kahani सुनने गए रहा हूँ | इस Panchatantra Ki Kahani का नाम है| भुक्कड़ चूहा | किसी गांव में के चूहा का एक परिवार रहता था | उन चूहों में एक चूहा ऐसा भी था | जिसे खाने का बहुत शौक था | और वह पूरा समय बस खाता और सोता रहता था वह बहुत ज्यादा खाता था | लेकिन फिर भी उससे संतुष्ट नहीं होती था |
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Panchatantra Ki Kahaaniyan |
उस भुक्कड़ चूहा का नाम कुकू था | उसकी इस आदत उसके परिवार वाले भी परेशान रहते थे | चूहे की माँ बोली बेटा इतना मत खाया करो सेहत बिगड़ जाएँगी,तो कुकू चूहा बोला- नहीं मम्मी ऐसा कुछ नहीं होगा | अगली सुबह कुकू के दोस्त का जन्मदिन था | जिसका नाम चिंटू था |
उसका दोस्त उसे जन्मदिन पर न्यौता देने आया | बोला दोस्त-दोस्त मेरा जन्मदिन है | और मेरे घर में पार्टी तो तुम भी जरूर आना |
कुकू बोला: दोस्त मैं जरूर आऊंगा | इसके बाद चिंटू वहाँ से चला गया | अब अगले दिन कुकू पार्टी में गया | वहाँ पर भी वह अपनी भूख पर काबू नहीं कर पाया | और मेहमानों के आने से पहले लगभग पूरा केक खा गया | ये देखकर सभी कुकू पर बहुत गुस्सा आया | सब उसे पार्टी से जाने के लिए कहने लगे | कहने लगे तुमने हमारे लिए कुछ भी नहीं छोड़ा तुम यहाँ से चले जाओ हम तो भुक्कड़ हो |
निराश होकर कुकू वापस अपने घर को निकल गया | मगर इन सब के बाद भी कुकू के खाने की आदत में कोई परिवर्तन नहीं आया | अगले दिन कुकू के एक दोस्त उसे बुलवाने के लिए आया, और कहा चलो खेतों में चलते हैं| किसानों की फसल बहुत अच्छी हो रही है | आज खाने के बहुत कुछ मिलेंगे |
कुकू बोला: अरे वाह चलो बहुत मज़ा आएगा | इसके बाद कुकू और पिंटू अपने बाकी सभी दोस्तों के साथ खेत में चले गए | खेत में जाकर वे फसलों पर टूट पड़े | सभी ने जल्दी-जल्दी खाना खा लिया | लेकिन भुक्कड़ चूहे का पेट नहीं भरा |
ये देखकर उसका दोस्त पिंटू चूहा बोला: अरे जल्दी-जल्दी खाना खाओ, हमें जाना भी है |
कुकू चूहा बोला: अरे रुक ना इतनी भी क्या जल्दी हैं | अभी पेट भरकर खाने दें और एक लंबी सी डकार लेने दें | फिर हम चले गए, ऐसा कहकर कुकू को फिर से खाने लगा |
इस पर पिंटू चूहा दोबरा बोला: अरे जल्दी करना |
कुकू चूहा बोला: ठीक है ना इतने में सभी चूहा में भगदड़ मच गई | अरे भागो-भागो बिल्ली आ गयी | सारी चूहे तेजी से भागने लगे | लिकिन भूखड चूहा धीरे धीरे चल रहा था | क्योंकि बहुत ज्यादा खाने की वजह से वह भाग नहीं पा रहा था | और उसने अपने दोस्तों को बोला मेरे लिए रुको इतने मे कुकू चुहा का पैर फंस गया | कुकू फटाफट अपना पैर निकालने लगा | ये देखकर बिल्ली धीरे-धीरे उसके पास आ रही थी |
बिल्ली
बोली: आज तुझे मुझसे
कौन बचाएगा | आज तो मेरी
दावत हो गयी | इतने
में कुकू पैर निकल गया | फिर लगडते-लगडते कुकू जैसे तैसे भागने लगा | फिर बिल्ली भी उसके पीछे
भागने लगीं | लेकिन थोड़ी ही देर में
कुकू का घर
आ गया |
कुकू
बोला: ओह बच
गया !
ऐसा
सोचकर अब कुकू धीरे
धीरे चलने लगा था | इतनी देर में बिल्ली तेजी से
दौड़कर आ गयी | कुकू
जैसी ही घर में
घुसने लगा, तो वह दरवाजे
में ही अटक गया
| क्योंकि खा-खा कर
उसका पेट इतना मोटा हो गया था
| कि वे अब अपने
घर में नहीं घुस पा रहा था
| अंदर से सभी चूहे
उसे घर के अंदर
खींचने लगे | और बाहर से
बिल्ली उसकी
पूंछ पकड़कर उसे बाहर खींचने लगी |
ये
देखकर कुकु चिल्लाने लाने लगा और रोने लगा
| लेकिन बिल्ली ने
उसकी पूछ नहीं छोड़ी और आखिर में
उसकी पूछ ही टूट गयी
| और बिल्ली धडाम से पीछे गिर
गयी | सभी
चूहों ने जैसे-तैसे कुकू
चूहे को अंदर
खींच लिया | इस
घटना की बात कुकू
को अपनी गलती का अहसास हुआ
| और अब उसने खाने
का लालच छोड़ दिया | हमें यह शिक्षा मीलती
है कि किसी भी
चीज़ की अति हमेशा
नुकसानदायक ही होती है
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