क्या आप Panchatantra Kahaniya सर्च कर रहे है | तो आज हम यहाँ Panchatantra Kahaniya के एक नया Hindi Story for Children पढगे। जिसका नाम है लालची शेर (The Greedy Lion Story) | लालची शेर कहानी पंचतंत्र की एक प्रसिद्ध कहानी है। कहानी एक लालची शेर के बारे में है जिसने एक जंगल पर शासन किया और खिलाया गया
एक जंगल में एक शक्तिशाली शेर था | शेर उस जंगल का राजा था | शेर उस जगल मे हर कोई जानवर का शिकार करता था | अपने भोजन के लिए और अपना पेट भरता था |
इसी लिए जंगल में सब जानवर उससे डरते थे | और उसके रस्ते से दूर ही रहते थे | अब इसी वजह से शेर को शिकार करना मुश्किल हो गया | उसने एक चालक लोमड़ी को काम पे लगाया |
लोमड़ी का काम बस बाकी जानवरों का स्थान शेर को बताना था | तो शेर उन जानवरो के पास जा कर उन्हें पकड़ लेता था | एक दिन शेर यह जाना चाहता था, कि बाकी के उस जंगल के जानवर उसके बारे में क्या सोचते है |
इसीलिए वह लोमड़ी को बोला- कि वह चोरी छुपे जाकर इस बात का पता लगाएं |
लोमड़ी जंगल में गा कर पता लगया और वापस आ कर शेर से बोला: मेरी राजा जैसा आपने बोला मैने वैसे ही सबकी बात सुनी आप के बारे में |
शेर बोला: बढ़िया तुम सच में चालाक हो | तो बताओ सब जानवर मेरे बारे में क्या सोचते हैं |
लोमड़ी बोला: महराज हर कोई जानवर आपसे डरता है | किसी भी जानवर को आप आसानी से पकड़ सकते हैं | इसलिए कोई भी आपकी रस्ते में नहीं आता | आप ही इस जंगल के राजा हो ,और इस जंगल में आपकी बराबरी करने वाला और कोई नहीं |
शेर बोला: तुम क्या सोचते हो मेरे बारे में मेरा
लोमड़ी बोला: आप जैसा इस जंगल में और कोई नहीं आप ही सबसे शक्तिशाली हो, और आप से बेहतर और कोई भी नहीं |
इसके बाद लोमड़ी अपने मन ही मन सोचने लगा की शेर अपने आप को बड़ा ही स्मार्ट समझता है | अगर मैं आपको जानवरों की गुप्त जगह नहीं बताता तो आप खुद से जानवरो का शिकार कर ही नहीं पाते | शरीर का बल कोई मायने नहीं रखता अगर खुद शिकार भी नहीं कर सकते हो | अगर मैं एक दिन भी छुट्टी ले लू तभी शेर को मेरा महत्व का पता चलेगा | मेरे बिना उसका जीवन कितना मुश्किल है तभी उसको पता चलेगा |
यह सोच कर अगले दिन लोमड़ी शेर के पास नहीं आया शेर लोमड़ी का इंतज़ार करते-करते परेशान होकर खुद ही शिकार करने के लिया निकल गया | दूर उसको एक खरगोश नजर आया |
शेर धीरे से खरगोश की ओर गया | उसी समय खरगोश को कदमो की आहट सुनाई दी और वह देखना चाहता था कि वह कौन है |
शेर को अपने नजदीक देखते ही खरगोश वहाँ से भागने की कोशीश की परंतु शेर के पंजे में फंस गया |
इसी दौरान उस रास्ते एक हिरन आया | जिसने शेर का ध्यान खींचा | जिससे शेर अब खरगोश को छोड़कर हिरन के पीछे दौड़ने लगा |
हिरन ने देखा कि शेर उसकी और आ रहा है, तुरंत तेज रफ्तार से वहाँ से भाग निकला | शेर उसके पीछे पीछे गया | पर हिरन इतना तेज था, कि शेर उसको पकड़ नहीं पाया |
शेर अब निराश हो गया और वापस उसी स्थान पर गया जहाँ पर उसने खरगोश को पकड़ा था | पर खरगोश तो वहाँ पर था ही नहीं अब भूखे शेर को पछतावा होने लगा, कि अगर वह हिरन का लालच नहीं करता तो उसको कम से कम खरगोश तो खाने को मिलता |
ये सब दूर से लोमड़ी देखकर मज़े ले रहा था |
शेर घमंडी ही नहीं बल्कि लालजी है | इसीलिए उसके हाथ कुछ भी नहीं आया | जो था वो भी चला गया | इस हिंदी Panchatantra Kahaniya से हम ये सीखते ही की हमें लालच नहीं करना चाहिये | अन्यथा हमारे पास जो होता है वो भी हाथ से चला जाता हैं | इस Hindi Stories With Moral से हमें प्रेरणा लेना चहिये और अभी भी ललची नहीं करनी चाहिए | हमरे पास जतनी है उतनी में ही संतुस्ट करनी चहिये |
4 Comments
mast stories
ReplyDeleteTHANK YOU VIKAS
DeleteIt's good man
ReplyDeleteName is jashwanth
ReplyDelete